Google Translate में जोड़ी गई 24 नई भाषाओं में से 8 भाषाओं का इस्तेमाल भारत में होता है। Google I/O 2022 इवेंट के पहले दिन 11 मई को गूगल ने कई खास अनाउंसमेंट्स की। इनमें से एक Google Translate में नई
Google I/O 2022 इवेंट के पहले दिन 11 मई को गूगल ने कई खास अनाउंसमेंट्स की। इनमें से एक Google Translate में नई भाषाओं का जोड़ा जाना है। गूगल ट्रांसलेट में 24 नई भाषाओं को अपडेट किया गया है, जिसके बाद अब आपको कुल मिलाकर 133 भाषाओं का सपोर्ट गूगल ट्रांसलेट पर उपलब्ध होगा। गूगल ट्रांसलेट का उद्देश्य लैंग्वेज बैरियर को तोड़ना है, जिसमें आप एक भाषा को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करते हैं। Also Read - Google ने की कई सिक्योरिटी फीचर्स की घोषणा, इंटरनेट यूज करना होगा सुरक्षित
खास बात यह है कि Google Translate में जोड़ी गई 24 नई भाषाओं में से कुछ भारत की क्षेत्रीय भाषाएं भी शामिल हैं, जिसे बड़ी संख्या में भारत में इस्तेमाल किया जाता है। – Also Read - 6GB RAM और 128GB स्टोरेज और Live Translate फीचर के साथ लॉन्च हुआ Google Pixel 6A, यहां देखें कितना मस्त है इसका फर्स्ट लुक
इन नई भाषाओं की लिस्ट में संस्कृत, असमी, भोजपुरी, धिवेही, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मणिपुरी, क्रियो, कुर्द (सोरानी), लिंगाला, लुगंडा, मिज़ो, ओरोमो, क्वेशुआ, सेपेडी, टिग्रीन्या, सोंगा, गुआरानी, इलोकानो, आयमारा, बाम्बारा, ईवे और ट्वी शामिल है। आइए जानते हैं कहां कितने लोग इन भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। Also Read - Google Pixel 7 सीरीज और नए AR Glasses से उठा पर्दा, जानें क्या होगा इनमें खास
असमिया (असम)- इस भाषा को 25 मिलियन उत्तरपूर्वी भारतीयों द्वारा इस्तेमाल की जाती है।
आयमारा – बोलीविया, चिली और पेरू के 2 मिलिनयन लोगों द्वारा इस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
बाम्बारा- माली के 14 मिलिनयन लोगों द्वारा इस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
भोजपुरी – 50 मिलियन भारतीय, नेपाली और फिजी के 50 मिलियन लोगों द्वारा इस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।
धिवेही- मालदीव के 3 लाख लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
डोगरी- उत्तरी भारतीय लोगों के जरिए 3 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
ईवे – घाना और टोगो के 7 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
गुआरानी – पराग्वे, बोलीविया, अर्जेंटीना और ब्राजील के 7 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
इलोकानो- 10 मिलियन लोग उत्तरी फिलीपींस में इसका इस्तेमाल करते हैं।
कोंकणी- मध्य भारत के 2 मिलियन लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।
क्रियो- सिएरा लियोन के 4 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
कुर्द- 8 मिलियन लोग इराक में इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
लिंगाला – 45 मिलियन लोग कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, रिपब्लिक ऑफ कांगो, सेंट्रल अफ्रिका रिपब्लिक, अंगोला और रिपब्लिक ऑफ साउथ सूडान में इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
लुगांडा- युगांडा और रवांडा के 20 मिलियन लोग इस भाषा क इस्तेमाल करते हैं।
मैथिली- 34 मिलियन लोग उत्तरी भारत में इसका इस्तेमाल करते हैं।
मेइतेइलॉन (मणिपुरी)- उत्तर पूर्वी भारत के 2 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
मिज़ो- उत्तर पूर्वी भारत के 830,000 लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
ओरोमो- इथियोपिया और केन्या के 37 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
क्वेशुआ – पेरू, बोलीविया और इक्वाडोर के 10 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
संस्कृत – भारत में 20 हजार लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
सेपेडी- दक्षिण अफ्रीका में 14 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
टिग्रीन्या – इरिट्रिया और इथियोपिया में 8 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
टीसोंगा – इस्वातिनी, मोज़ाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका और ज़िम्बाब्वे के 7 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
ट्वी- घाना के 11 मिलियन लोग इस भाषा का इस्तेमाल करते हैं।