Apple के बाद अब Google के खिलाफ भी भारत में जांच के आदेश जारी किए गए हैं। यह आदेश CCI (Competition Comission of India) ने न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा लगाए गए आरोप के बाद दिए हैं। CCI ने अपनी शुरुआती जांच में माना है कि दिग्गज टेक्नोलॉजी और सर्च इंजन कंपनी ने कुछ एंटी ट्रस्ट कानूनों को तोड़ा है। बीते शुक्रवार को दिए गए आदेश में CCI ने कहा है कि देश में ऑनलाइन सर्च सर्विसेज पर Google का दबदबा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सर्च इंजन कंपनी ने न्यूज पब्लिशर्स पर कुछ अनुचित शर्तें लगाई है। हालांकि, फिलहाल गूगल की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। Also Read - Gmail ने पार किया 1000 करोड़ इंस्टॉल का आंकड़ा, इन ऐप्स की लिस्ट में हुआ शामिल
बता दें कि पिछले सप्ताह ही CCI ने Apple को भी तलब किया था। एप्पल के ऐप स्टोर के जरिए अनुचित बिजनेस किए जाने का आरोप था। Apple पर एंटी कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस और ऐप स्टोर पर ऐप डिस्ट्रीब्यूशन में अपने पोजिशन के दबदबा का फायदा उठाने का आरोप लगा है। Also Read - Google Meet पर रिकॉर्ड करनी है वीडियो कॉल तो अपनाएं यह तरीका, आसानी से कर पाएंगे रिकॉर्डिंग
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन ने गूगल (Google) पर आरोप लगाते हुए कहा कि सर्च इंजन कंपनी ने अपने सदस्यों को फेयर एडवरटाइजमेंट रेवेन्यू से वंचित रखा है। जिसके बाद CCI ने जांच के आदेश जारी करते हुए कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में न्यूज मीडिया द्वारा निभाई गई भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता है। ऐसे प्रतीत हो रहा है कि गूगल बाजार में अपने दबदबा का इस्तेमाल कर रहा है। Also Read - Google, Facebook पर लगा 1765 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें वजह
गूगल जैसे ऑनलाइन एग्रीगेटर्स की वजह से अपना रेवेन्यू गवां रहे न्यूज पब्लिशर्स ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि कई साल से गूगल जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियां उनकी स्टोरीज और दूसरे फीचर्स के बदले पेमेंट दिए बिना ही सर्च रिजल्ट में इस्तेमाल कर रही हैं। CCI ने अपने आदेश में ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के नियमों का भी हवाला दिया है, जिसमें गूगल और न्यूज ऑर्गेनाइजेशन के बीच अरबों डॉलर के लाइसेंस के सौदे हुए हैं।
पिछले दिनों ही फ्रांस की डेटा प्राइवेसी विंग CNIL ने भी Google और Facebook पर 210 मिलियन डॉलर (लगभग 1765 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है। Google और उसकी सहयोगी वीडियो शेयरिंग कंपनी Youtube पर 150 मिलियन डॉलर (लगभग 1265 करोड़ रुपये) का रिकॉर्ड जुर्माना लगा है। यह गूगल पर 2020 में लगे 100 मिलियन यूरो (लगभग 841 करोड़ रुपये) से कहीं ज्यादा है।