5G deployment on US Airports: अमेरिका के 40 बड़े एयरपोर्ट पर 5G नेटवर्क रोल आउट किया जा रहा है। जिसकी वजह से से दुनियाभर में 15 हजार से ज्यादा यात्री और कार्गो शिप प्रभावित हो सकते हैं। Air India ने भी अपनी कई फ्लाइट सुरक्षा कारणों से रद्द की है। 5G Deployment on US Airports: आज से अमेरिका के एयरपोर्ट पर 5G नेटवर्क कम्युनिकेशन रोल आउट किया जाएगा, जिसकी
5G Deployment on US Airports: आज से अमेरिका के एयरपोर्ट पर 5G नेटवर्क कम्युनिकेशन रोल आउट किया जाएगा, जिसकी वजह से एयर इंडिया (Air India) ने अमेरिका जाने वाली कई फ्लाइट रद्द की है। इस बात की जानकारी विमानन कंपनी (Air India) ने ट्वीट के जरिए दी है। अमेरिकी एयरपोर्ट के आस-पास 5जी कम्युनिकेशन्स नेटवर्क डिप्लॉयमेंट की वजह से दुनियाभर के लाखों यात्री प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका के 40 बड़े एयरपोर्ट से दुनियाभर में 15 हजार से ज्यादा यात्री और कार्गो शिप का संचालन होता है। Also Read - Vivo Y55 5G स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, MediaTek Dimensity 700 SoC के साथ मिलेगा 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी
Air India ने अपने ट्वीट में कहा, “5G डिप्लॉयमेंट की वजह से भारत से अमेरिका जाने वाली फ्लाइट, एयरक्राफ्ट की टाइप के हिसाब से 19 जनवरी 2022 से बदला या रद्द किया जा रहा है। इसके बारे जल्द ही अपडेट जारी किया जाएगा।” अगले ट्वीट में विमानन कंपनी ने बताया कि फ्लाइट AI101/102 DEL/JFK/DEL, AI173/174 DEL/SFO/DEL, AI127/126 DEL/ORD/DEL और AI191/144 BOM/EWR/BOM को ऑपरेट नहीं किया जाएगा। Also Read - भारत में अगले साल शुरू होगी 5G सर्विस, इन शहरों में सबसे पहले मिलेगी कनेक्टिविटी
#FlyAI: Due to deployment of the 5G communications in USA,we will not be able to operate the following flights of 19th Jan’22: Also Read - Vivo Y55s 5G स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इसमें है 6000mAh की बैटरी और 8GB RAM
AI101/102 DEL/JFK/DEL
AI173/174 DEL/SFO/DEL
AI127/126 DEL/ORD/DEL
AI191/144 BOM/EWR/BOMPlease standby for further updates.https://t.co/Cue4oHChwx
— Air India (@airindiain) January 18, 2022
अमेरिकी एयरपोर्ट पर आज से 5G – अमेरिकी सरकार के 5G डिप्लॉयमेंट प्लान पर US फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) भी सवाल उठा चुकी है। फेडरेशन ने सरकार से कहा कि 5G टेक्नोलॉजी की वजह से एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल होने वाला अल्टीमीटर (Altimeter) प्रभावित हो सकता है। अल्टीमिटर विमान में इस्तेमाल होने वाला वह इंस्ट्रूमेंट हैं, जो यह मापता है कि जमीन से कितनी ऊंचाई पर फ्लाइट उड़ रही है। अल्टीमीटर 4.2 से लेकर 4.4 GHz रेंज के स्पेक्ट्रम बैंड पर काम करता है।
अमेरिकी सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों AT&T और Verizon के लिए C स्पेक्ट्रम बैंड (C-Band) अलॉट किया है, जो 3.7 से 3.98 GHz स्पेक्ट्रम पर काम करता है। यह विमान में इस्तेमाल होने वाले अल्टीमीटर की स्पेक्ट्रम रेंज के काफी करीब है। यही नहीं, विमान के अल्टीट्यूड (उड़ान की जमीन से ऊंचाई) मापने के अलावा अल्टीमीटकर का इस्तेमाल ऑटोमैटेड लैंडिंग के लिए भी किया जाता है। साथ ही, लैंड कराते समय होने वाले खतरे जिसे विंड शीर कहा जाता है, उसे भी डिटेक्ट करने में यह मदद करता है।
अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियां इस फ्रिक्वेंसी का इसलिए इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि जितनी ज्यादा फ्रिक्वेंसी होगी, उतनी ही तेज 5G सर्विस मिलेगी। इसलिए टेलीकॉम कंपनियां 5G का पूरा इस्तेमाल करने के लिए C बैंड पर 5G को रोल आउट कर रही है। 5G के लिए इस्तेमाल होने वाले C बैंड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कुछ सैटेलाइट रेडियो के लिए भी होता है। ऐसे में 5G डिप्लॉयमेंट की वजह से इस बैंड पर ज्यादा ट्रैफिक होगा, जो विमान को ऑपरेट करने में दिक्कत पैदा कर सकती है।
अमेरिका के अलावा यूरोप, दक्षिण कोरिया, चीन समेत मिडिल ईस्ट के देशों में भी 5G सर्विस रोल आउट हो चुकी है। यूरोपीय यूनियन ने साल 2019 में मिड रेंज 5G यानी C बैंड के लिए 3.4 से 3.8 GHz का स्टैंडर्ड सेट किया है, जो अमेरिकी सरकार द्वारा सेट किए गए स्पेक्ट्रम बैंड के मुकाबले कम है। वहीं, दक्षिण कोरिया ने भी 5G स्पेक्ट्रम बैंड के लिए स्टैंडर्ड 3.42 GHz से लेकर 3.7GHz का रेंज रखा है, जो विमान में इस्तेमाल होने वाले इंस्ट्रूमेंट अल्टीमीटर की रेंज से कम है।
5G बनी 'मुसीबत', Air India ने रद्द की अमेरिका की कई फ्लाइट, जानें इस मामले की हर एक डिटेल View Story